छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को दोपहर में जोन्नगुड़ा के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई जिसमें हमारे 23 जवान शहीद हो गये। नक्सल प्रभावित तर्रेम थाना क्षेत्र के जोन्नगुड़ा से रविवार दोपहर को 23 शव निकाले जा चुके है और बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने 23 जवानों की पुष्टी की है 30 जवान को अस्पताल पहुंचाया गया है जिसमें से 7 जवान का इलाज रायपुर में और 23 जवान का इलाज बीजापुर के अस्पताल में चल रहा है जिनकी स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है और 15 जवान की अभी तक कोई जानकारी नही है।
बस्तर आईजी सुन्दरराज ने ये भी बताया है कि मौके पे एक महिला नक्सली का भी शव बरामद हुआ है इस मुठभेड़ में 15 नक्सली की मारे जाने का भी दावा किया जा रहा है । हमारे देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुये कहा है कि मेरे अमर शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नही जायेगा और जो जवान घायल है उनके जल्दी स्वस्थ हो जाने की कामना भी की। वहीं सीएम भूपेश बघेल ने जवानों के शहीद होने पर बहुत दुख जताया और स्वजनों के प्रति संवेदनायें जतायी।
तर्सेम थाना के सिलगेर गांव के पास जंगल में नक्सलियों के बटालियन का नम्बर वन कमाण्डर दुर्दात नक्सली हिड़मा की मौजुदगी की खबर मिली थी इसी आधार पर सीआरपीएफए, एसटीएफ, कोबराबटाालियन और डीआई की पूरी संयुक्त टीम को रवाना कर दिया था जिसमें तर्सेम से 760 जवान, उसूर से 200, पामेड़ से 195, मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवान रवाना हुये जिसमें कुल 2059 जवान गये थे और शनिवार को ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान जवानों के एक टुकड़ी को चारों तरफ से घेर लिया अनुमान लगाया जा रहा है कि नक्सली लगभग 250 थे और उन लोगों ने एक दम से फायरिंग शुरू कर दी थी तब तक जवानों भी मोर्चा सभांल लिया था इधर से भी फायरिंग शुरू हो गयी ये सिलसिला लगभग 3 घण्टे तक चला । नक्सली इन दिनों टेक्टिकल काउण्टर अफेसिंव कैंपेन चला रहे है जिससे हर साल ये एक बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं दस दिन के भीतर दूसरी वारदात कर डाली है 23 मार्च को नारायणपुर में 10 जवान शहीद हुये और 5 अप्रैल को 23 जवान ।