देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी एससीओ समिट में शामिल होने के लिए गए हुए हैं। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और शंघाई सहयोग संगठन के अन्य सदस्य देशों के नेता ने इस सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
बैठक में पीएम मोदी ने देश के अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी बात कहीं है। उन्होंने कहा है कि “इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।”
कोरोना और यूक्रेन में उपजे हालात के कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हुई
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि “कोरोन जैसी वैश्विक महामारी के बाद दुनिया के सामने आर्थिक रूप से पटरी पर लौटने की चुनौती है। कोविड-19 और यूक्रेन में उपजे हालात के कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हुई है।” उन्होंने कहा कि “जिससे खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट पैदा हुआ। मोदी ने कहा कि एससीओ को क्षेत्र में लचीली आपूर्ति शृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए बेहतर संपर्क सुविधा एवं एक-दूसरे को पारगमन अधिकार देना महत्वपूर्ण होगा।”
प्रधानमंत्री आज शाम नई दिल्ली के लिए रवाना होगें। लेकिन उससे पहले पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।