भारत सरकार ने टेरर फंडिंग और देश विरोधी एजेंडा चलाने वाले कट्टरवादी संगठन PFI यानी की पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने PFI पर 1 या 2 साल नहीं बल्कि 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे ही नहीं लिया। NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर PFI के देशभर में ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। जिसमें PFI के आतंकी गतिविधियों में लगातार सक्रियता के सबूत NIA को मिले।
आपको बता दें NIA ने छापेमारी के दौरान PFI के कई ठिकानों से सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी की है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को छापेमारी में ऐसे सबूत मिले हैं जिनके आधार पर इस संगठन पर बैन लगाया है। PFI हिंदुस्तान को सिविल वॉर में झोंकना, 2047 तक ऑपरेशन गजवा-ए-हिंद को पूरा करना और हिंदुस्तान में इस्लामिक शासन लागू करना चाहता है।
आपकों बता दें कि PFI के लिए सबसे ज्यादा फंडिंग गल्फ कंट्रीज में रह रहे मुसलमान करते है। यह जानकारी हमें खुफिया सूत्रों से प्राप्त हुई है। PFI की फंडिंग और नेटवर्किंग का बड़ा काम कतर, बहरीन, कुवैत और तुर्की में हो रहा था।