Wednesday, July 3, 2024

Iran sharia law: 13 साल बाद मां-बेटी के मिलने पर ईरान ने बेटी के हाथों मां को दिलाई फासी

Must read

अक्सर देखा जाता है कि सालों बाद मां-बेटी के मिलने पर वे हमेशा खुशी के साथ रहती हैं। लेकिन ईरान से एक ऐसा हेरान करने वाला मामला सामने आया है जहां 13 साल बाद मां-बेटी एक दुसरे से मिली तो उससे कुछ ही पलों बाद ईरान ने बेटी के हाथों मां को फांसी दिला थी। आपको जान कर याकिन नहीं हो रहा होगा, पर यह ईरान की क्रूरता की सच्चाई है।

दरअसल, यह मामला 2009 का है जब मरियम करीमी नामक महिला ने अपने पिता के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी थी। मरियम का कहना था कि उसका पति उसे शादी के बाद से मारता-पीटता था, उसे भूख रखता था। जिसकी जानकारी उसने अपने पिता इब्राहिम को दी। पिता ने समझाने की कौशिस की लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। मरियम ने यह भी बताया था कि उसका पति उसे तलाक देने के लिए भी तैयार नहीं था। जिसके बाद पिता और बेटी ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।

हत्या के बाद मरियम और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। ईरान की शारिया अदालत ने दोनों को सजा-ए-मौत की सजा दी। लेकिन उस समय मरियम की बेटी महज 6 साल की थी। वह अपने दादा-दादी के साथ रहती थी इन 13 सालों में उससे यह बताया गया कि उसके माता-पिता मर चुके हैं। हालांकि इतने सालों में मरियम की सजा में देरी क्यों हुई इसकी कोई जारकारी नहीं हैं वहीं, मरियम के पिता की मौत जेल में रहने के दौरान ही हो गई थी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम को 22 फरवरी 2021 को इस जेल में भेजा गया, जहां उससे फांसी की सजा दी गई। ईरान वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम को बुर्के में फांसी के तख्ते तक लाया गया। गले में फंदा डाला गया। उसके पैर एक कुर्सी पर टिके थे। मरियम की बेटी से कहा गया कि वो कुर्सी को लात मारकर हटा दे, ताकि मां फंदे पर लटक जाए और उसकी मौत हो जाए। बेटी इसके लिए तैयार नहीं थी, लेकिन जेल प्रशासन और पुलिस के दबाव में उसने वही किया जो उसे कहा गया।

दरअसल, इस जबकी वजह ईरान का इस्लामिक कानून है। जिसके मुताबिक हत्या के मामले में सरकार और प्रशासन की जगह मारे गए व्यक्ति के परिवार वालों को कातिल की सजा तस करने का अधिकार होता है। इसमें सबसे बर्बर तरीका है “किसास” इसे आंख के बदले आंख या खून का बदला खून कहा जाता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम के मामले में यह साफ नहीं है कि उसकी बेटी को अथॉरिटीज ने क्या बताया और क्या नहीं, यह सवाल इसलिए। क्योंकि बेटी ने मां को माफ करने के बजाए फांसी दे दी। सजा का फैसला करने वाली भी अकेली शख्सियत थी।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article