पुरे विश्व में हर साल 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयन्ती मनायी जाती है यह दिवस पूरा विश्व उनके प्रति सम्मान को व्यक्त करने के लिये मनाते हैं। अम्बेडकर जी ने भारतीय स्वतन्त्रता में अहम योगदान दिया था, इन्होनें दलितों के हक की लड़ाई लड़ी और संविधान का निर्माण भी किया था। इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 मध्य प्रदेश के महु में हुआ था। बाबा साहब संघर्ष और सफलता की एक अद्भुत मिसाल है।
अम्बेडकर जी की जयन्ती पे हर साल उनके करोड़ो अनुयायी उनके जन्म स्थल भीम जन्मभूमि महू (मध्य प्रदेश) ,बौद्ध धर्म दीक्षास्थल दीक्षाभूमि, नागपुर, उनका समाधी स्थल चैत्य भूमि, मुम्बई जैसी कई स्थानीय जगहों पर उन्हें अभिवादन करने के लिये इकट्ठा होते हैं। इसके अलावा सरकारी दफतरों और बौद्ध-विहारों में भी अम्बेडकर जयन्ती मनाकर उन्हें नमन करते हैं। 100 से अधिक देश में अम्बेडकर जयन्ती मनाई जाती है। 2015 से अम्बेडकर जयन्ती को सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित कर दिया गया था।1990 में इनके मरणोपरान्त इनको भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
अम्बेडकर जयन्ती 2021 को राष्ट्रपति कोविंद जी ने कहा भारत संविधान के प्रमुख शिल्पी, बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धांजलि। डा0 अम्बेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज को बनाने के लिये आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्षो को अपने आचरण में ढालने का संकल्प करें। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी टवीट् करते हुये कहा है कि ‘भारत रत्न डा0 बाबासाहेब अम्बेडकर को उनकी जयन्ती पर शत् शत् नमन है समाज के वंचित वर्गो को मुख्यधारा में लाने के लिये किया गया। उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिये एक मिसाल बना रहेगा।‘ इसके अलावा हमारे देश के गृहमंत्री अमितशाह जी ने कहा भारत रत्न डा0 बाबासाहेब अम्बेडकर जी ने समाज के वंचित वर्ग को शिक्षित और सशक्त किया और हमें न्याय व समता पर आधारित एक प्रगतिशील संविधान दिया जिसने देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया है।
अम्बेडकर जी ने कहा है–
“मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रताए समानता और बंधुत्व सिखाता है”
“वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं”
“शिक्षित बनो संगठित रहो और उत्तेजित बनो”
“धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए”
“मनुष्य नश्वर है उसी तरह विचार भी नश्वर हैं एक विचार को प्रचार.प्रसार की जरूरत होती हैए जैसे कि एक पौधे को पानी की नहीं तो
दोनों मुरझाकर मर जाते हैं”
“एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है”
“समानता एक कल्पना हो सकती हैए लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा”
“बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए”
“मानवता एक कल्पना हो सकती हैए लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा”