उत्तराखंड की रहनी वाली अंकिता भंडारी एक साधारण गरीब परिवार से थी। जिसे भाजपा के नेता के बेटे ने बड़ी बेहरमी से मार डाला। अंकिता की गलती बस इतनी थी कि उसने अपना देह व्यापार नहीं किया। 19 वर्षीय अंकिता के सपने बहुत बड़े थे लेकिन किसे क्या पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है।
अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी इलाके की रहने वाली थी। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद अंकिता के सपने बहुत बड़े थे। 12वीं पास करने के बाद अंकिता भंडारी ने कॉलेज में एडमिशन लिया। अंकिता का सपना था कि वह होटल मैनेजमेंट का कोर्स करें और इस फील्ड अपने भविष्य को सवारे। माता-पिता ने भी अंकिता का साथ दिया और उसे होटल मैनेजमेंट का कोर्स कराया। लेकिन एक साल बाद देश में कोरोना ने तस्तक दे दी। सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी सब बंद हो गए। वर्क फ्रॉम हो गया, ऑनलाइन क्लासेज चलने लगी। उत्तराखंड खास तोर पर टूरिज्म पर भी निर्भर है टूरिज़म पर भी बहुत असर पड़ा। धीरे धीरे जब कोरोना काम होने लगा तो फिर सब खुलने लगा तो अंकिता भंडारी ने फिर अपने सपने को पूरा करने की ठानी।
बता दें, अंकिता भंडारी ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रखा था तो उसने सोचा की क्यों ना किसी होटल में काम कर लिया जाएं। जिससे उससे अनुभव भी मिलेगा। इत्तिफ़ाक़ से उसे जानने वाले में ही उसे पता चला की हरिद्वार और ऋषिकेश से करीब 8 किलोमीटर दूर एक रिजाॅर्ट है और उस रिजॉर्ट में एक रिसेप्शनिस्ट की जगह खाली है इस रिजॉर्ट का नाम वर्तना था। अंकिता ने रिजाॅर्ट में जाकर इंटरव्यू दिया और काम करना शुरू कर दिया। क्योंकि अंकिता भंडारी ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया हुआ था। तो उससे यह नौकरी मिल गई। रिजाॅर्ट का मालिक उत्तराखंड के भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य का है। इस हत्याकांड के बाद भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से निकाल लिया है।
आप को बता दें कि अंकिता भंडारी को 18 सितम्बर की दोपहर 3 बजे उस रिजॉर्ट के रसोई में आखिरी बार दिखी थी। उस वक्त वह काफी गुस्से में थी। मीडिया रिपोर्टस की माने तो अंकिता और रिजाॅर्ट मालिक की लड़ाई हुई थी। उसके बाद अंकिता भंडारी नहीं देखाई दी। बेटी का पता नहीं चलने पर पिता ने रिजाॅर्ट में पुछताछ की लेकिन अंकिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। उसके बाद उन्होंने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पर फिर भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की और 2 दिनों तब उसके पिता को पुलिस थाने का चक्कर लगवाती रहीं। अंकिता को आखरी बार पुलकित आर्य, उसके रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश में देखा गया था।
दरअसल, अंकिता भंडारी ने 17 सितम्बर को अपने एक दोस्त जो जम्मू में रहता हैं उसे व्हाट्सएप चैट में सब कुछ बता दिया था। अंकिता ने अपने दोस्त को बताया कि वह इस रिजाॅर्ट में सुरक्षित महसूस नहीं कर रही। अंकिता ने यह भी बताया कि पुलकित और उसका दोस्त उसके कमरे में आए और अंकिता से कहा कि 19 सितम्बर को रिजाॅर्ट में कुछ VIP आने वाले हैं। अंकिता को उन्हें स्पा सर्विस देनी होगी।
अंकिता गरीब थी लेकिन उसने अपना शरीर बेचने से मना कर लिया। अंकिता ने जब पुलकित की जब ये बाते सुनी तो वह आश्चर्य चकित हो गई। पुलकित उन VIPs से सेक्स करने के लिए अंकिता को 10 हजार रूपये लेने की बात कहीं। लेकिन अंकिता भंडारी ने यह सब करने से साफ मना कर दिया।
जिसके बाद 18 सितम्बर की रात को पुलकित आर्य और उसके दोस्त ने अंकिता को खुब मारा और जिंदा रात के अंधेरे में नहर में फैक दिया। पुलिस कार्यवाही में पता चला है कि उस रात को चार लोग रिजाॅर्ट से बाहर आएं। लेकिन जाने के समय केवल तीन थे। अब अगर अंकिता भंडारी का दोस्त न होता तो शायद इस हत्याकांड पता भी न चलता।