Wednesday, February 5, 2025

ArrestMohammedZubair:- उत्तर प्रदेश में AltNews वाले मोहम्मद जुबैर और ट्विटर के खिलाफ FIR, ‘जय श्रीराम’ के नाम पर दंगा भड़काने की कोशिश

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“इन भ्रामक ट्वीट्स को कुछ ही समय में हजारों लोगों ने रीट्वीट किया। ऐसे ट्वीट करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनेता लोग हैं, जिन्होंने जानबूझ कर बिना किसी प्रमाणिकता और तथ्यों के सत्यापन के दो समुदायों के बीच शत्रुता, वैमनस्य और घृणा पैदा किया गया। पुलिस की जाँच में पता चला कि आरोपित और पीड़ित पहले से परिचित थे। अब्दुल समद ने ताबीज देकर इसके सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। ताबीज ने काम नहीं किया तो आरोपितों ने उसे पीट दिया। व्यक्तिगत विवाद की इस घटना में आरोपितों में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के लोग थे। झूठी खबर जम कर फैलाई गई और Twitter ने भी इसे रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं की।”
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक AltNews वाले मोहम्मद जुबैर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। खुद को फैक्ट-चेकर बताने वाले प्रोपेगंडा पोर्टल। AltNews का सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर फेक न्यूज़ फैलाने में एक्सपर्ट है। उसने अब तक हिन्दू धर्म और भाजपा को बदनाम करने के चक्कर में न जाने कितने ही फेक न्यूज़ फैलाए हैं। हाल ही में उसने “जय श्री राम” को बदनाम करने के लिए ऐसा झूठ फैलाया कि उस पर FIR दर्ज हो गई। यहाँ हम उन मौकों की बात कर रहे हैं, जब-जब उसने फेक खबरों के सहारे प्रोपेगंडा रचा। मोहम्मद जुबैर ने एक वीडियो शेयर कर के आरोप लगाया था कि लोनी में अब्दुल समद नाम के एक बुजुर्ग से जबरन “जय श्री राम” बुलवाया गया, जबकि आरोपितों में आरिफ, आदिल और मुशाहिद भी शामिल थे। पुलिस की जाँच में ये मामला सांप्रदायिक नहीं निकला। गाजियाबाद के लोनी थाने में मंगलवार (जून 15, 2021) को दर्ज FIR में लिखा है कि पुलिस को विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। उस वीडियो में कुछ लोग अब्दुल समद नाम के बुजुर्ग व्यक्ति की पिटाई करते हुए और उसकी दाढ़ी काटते हुए दिख रहे हैं। FIR के अनुसार, सोशल मीडिया में इस वीडियो के साथ दावा किया गया कि आरोपित हिन्दू समुदाय से हैं, जिन्होंने बुजुर्ग से जबरन “जय श्री राम” बुलवाया, मोहम्मद जुबैर, मीडिया पोर्टल ‘द वायर’, राणा अयूब, सलमान निजामी और सबा नकवी, सबा मोहम्मद और मशकूर अहमद उस्मानी शामिल हैं। FIR में इन सभी के नाम का जिक्र है। आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अचानक लोक शांति को अस्त-व्यस्त करने और धार्मिक समूहों में विभाजन के लिए संदेशों को प्रचारित-प्रसारित किया गया।
FIR के अनुसार, जो बयान ट्विटर पर प्रचारित किए गए, वो किसी व्यक्ति विशेष मात्र के नहीं थे बल्कि इनके पीछे एक स्पष्ट मंशा थी, जो आपराधिक षड्यंत्र की ओर भी इशारा करती है। हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया। धार्मिक सौहार्द को अस्त-व्यस्त करने के लिए इन्हें बड़े पैमाने पर प्रचारित किया गया। ये स्पष्ट रूप से विभिन्न समुदायों में वैमनस्य पैदा करने के लिए किया गया है। मोहम्मद जुबैर ने बड़ी चालाकी से 20 घंटे से भी अधिक समय के बाद अपने ट्वीट को डिलीट तो कर दिया, लेकिन माफ़ी नहीं माँगी। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल पीड़ित का जबरन “जय श्री राम” बुलवाने वाला आरोप पुलिस और स्थानीय पत्रकारों के वर्जन से मेल नहीं खाता है, इसीलिए वो इस ट्वीट को डिलीट कर रहे हैं।

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