Friday, June 28, 2024

धर्म नगरी में स्थित है सीएम योगी का मंदिर, भगवान के तरह होती है सुबह शाम पूरा-अर्चना

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हिन्दुस्तान की पावन धरती पर सदियों से ऋषि-मुनियों की पूजा होती आई है और आज भी यह परम्परा जारी है। भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में हमारे महान ऋषि-मुनियों के मंदिर आप को मिल जाएंगें। जहां उनकी सुबह-शाम पूजा होती है। हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं उस मंदिर का भूमि पूजन उसी दिन हुआ था जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। यह मंदिर कभी और नहीं बल्कि भगवान राम की नगरी अयोध्या में स्थित है। जो पूर्णता बन कर तैयार हो चूका है और प्रतिदिन इस मंदिर में पूरा-अर्चना होती है।

यह मंदिर किसी और का नहीं बल्किी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है। इस मंदिर को सीएम योगी के कट्टर समर्थक प्रभाकर मौर्य योगी ने बनवाया हैं। प्रभाकर मौर्य ने इस मंदिर का नाम मुख्यमंत्री योगी के नाम पर रखा है। बता दें “श्री योगी मंदिर” को प्रभाकर ने अपने यूट्यूब चैनल से पैसे संगृहीत कर बनवाया है। प्रभाकर मौर्य अपने यूट्यूब चैनल पर सीएम योगी के समर्थन में सैकड़ों गाने भी गाए हैं।

“श्री योगी” मंदिर अयोध्या धाम से लगभग 20 से 25 किलोमीटर दूर परिवहन विभाग की क्षेत्रीय कार्यशाला के पीछे स्थित मौर्य के पुरवा गांव में निर्माण कराया गया है। प्रभाकर मौर्य खुद इस मंदिर में सुबह शाम आरती-पूजन भी करते हैं।

मेरठ नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने सीएम योगी के मंदिर में छत्र चढ़ाया है। जिसके बाद यह मंदिर चर्चा में बना हुआ है। अमित जारी का कहा है कि जब मंदिर बनता है देश में कहीं संन्यासी, साधू का महा ऋषि के मंदिर में छत्र चढ़ाया जाता हैं जब हमने सुना कि अयोध्या में मुख्यमंत्री का मंदिर बना है तो हम अपने आप को रोक नहीं पाए और योगी का छत्र लेकर के अयोध्या आ गए।

अमित जानी ने आगे कहा है कि प्रभाकर मौर्य जी ने संन्यासी योगी आदित्यनाथ जी महाराज का मंदिर स्थापित कियां हम यूपी की पावन धरा अयोध्या में राम जी की नगरी में मेरठ से चलकर यहां आए और सवा किलो चांदी का छत्र चढ़ाया। क्योंकि ये देश ऋषि-मुनियों का देश है। यहां संतों की ऋषि मुनियों की गुरु की हमेशा पूजा होती है। यहां महर्षि अगस्त्य की पूजा हुई। जहां महर्षि वशिष्ठ की पूजा हुई। यहां महर्षि द्रोण की पूजा हुईं यहां कबीर दास जी संत थे उनकी पूजा हुईं श्री रविदास की पूजा हुई।

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