दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ऐतिहासिक कुतुब मीनार के मालिकाना हक को लेकर चार दिन बाद फैसला सुनाने जा रही है। कुतुब मीनार परिसर पर मालिकाना हक जताने वाले तोमर राजा के वंशज “कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह” ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब साकेत कोर्ट 17 सितंबर को तय करेगा कि महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह की याचिका पर सुनवाई की जाए या नहीं?
1960 में इलाहाबाद हाईकोई में दाखिल की गई थी याचिका
एमएल शर्मा ने कोई को बताया कि 1960 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जो अभी तक लंबित है। दरअसल, कोर्ट ने कहा था कि कुछ लोग वहां पूजा के अधिकार की मांग कर रहे हैं, आपके पास न अभी कब्ज़ा है, न ही आप कभी कोर्ट आए हैं। कोर्ट की इसी बात को लेकर शर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का जिक्र किया।
एमएल शर्मा महेंद्र ध्वज के वकील हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को भी इस मामले में पत्र लिखा है, अगर अलग राज्यों में ये संपत्ति सरकार के कब्जे में है, तो हम सभी राज्यों और वहां की अदालतों में नहीं जा सकते इसलिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा था।
वहीं, दूसरे पक्ष के वकील अमिता सचदेवा ने इस याचिका पर भारी जुर्माना लगाकर खारिज करने को कहा है। सचदेवा ने लाल किले को लेकर एक दायर की गई याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि जब एक महिला ने लाल किले और उसने बहादुरशाह जफरके खानदान से होने का दावा किया था। तो कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया था। ASI ने कोर्ट में दलील दी की महेंद्र प्रसाद के दावे ने लिमिटेशन पीरियड को भी क्रॉस कर लिया है, इसलिए इनकी याचिका खारिज की जानी चाहिए।