जब दिल्ली में गर्मियां आ जाती है और डिमांड बढ़ जाती है अरविंद केजरीवाल की सरकार ने ही जुलाई 2015 में 5 लोगों की एक कमेटी बनाकर इस मामले की जांच बिठाई। कमेटी ने उसी साल अगस्त में केजरीवाल को जांच रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें कहा गया कि शीला दीक्षित सरकार ने स्टील के वाटर टैंकर लेने और उनमें जीपीएस लगवाने में 400 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया है।
रिपोर्ट आने के बाद भी अरविंद केजरीवाल सरकार ने एसीबी को इस मामले की जांच के आदेश करीब 11 महीने बाद दिए। एसीबी भी केजरीवाल पर फाइल दबाने का आरोप लगा चुकी है, लेकिन पूछताछ हुई केजरीवाल के निजी सचिव से वो भी कपिल मिश्रा के आरोप लगाने के बाद कहा कि हमें बताया जा रहा है कि इस पानी (राबी-ब्यास) को केंद्र सरकार अगले एक माह के लिए रोकने जा रही है। बताया जा रहा है मेन्टेनेन्स के नाम पर ऐसा किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली में 25 फ़ीसदी पानी की सप्लाई बंद हो जाएगी।
जब दिल्ली में गर्मियां आ जाती है और डिमांड बढ़ जाती हैण्ऐसा होने पर दिल्ली में त्राहि.त्राहि मच सकती है और कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है। चड्ढा के अनुसार, BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनजमेंट बोर्ड) रिपेयर मेंटेनेंस का हवाला दे रहा है जो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत काम करता हैण् हमने चिट्ठी लिखकर कहा है कि किसी और समय यह रिपेयर और मेंटेनेंस करें क्योंकि इस समय (गर्मी का मौसम) अगर दिल्ली की जलापूर्ति प्रभावित हुई तो बहुत समस्या खड़ी हो जाएगी दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने गर्मी के मौसम के पहले जलापूर्ति water Shortagge) के मुद्दे पर जल्द से जल्द बैठक बुलाने की मांग केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली को चार स्रोतों पर पानी के लिए निर्भर होना पड़ता है। यमुना का पानी जो हरियाणा से आता हैए गंगा का पानी जो उत्तर प्रदेश से आता हैए रावी ब्यास का पानी जो नांगल से आता हैए इसके अलावा ग्राउंड वाटर भी निकालकर दिल्ली वालों तक पहुंचाया जाता है। चड्ढा के अनुसार, रावी.ब्यास का पानी दिल्ली की कुल सप्लाई का 25% है
DelhiDemandsCleanWater(दिल्ली जल संकट):- दिल्ली में पानी की किल्लत, नागरिकों ने केजरीवाल सरकार, भाजपा पर आरोप लगाया
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