Monday, July 1, 2024

farmers black day “ब्लैक डे”:- कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसान यूनियनों द्वारा 26 मई को ‘काला दिवस’ मनाये जाने की घोषणा, जिस पर दिल्ली पुलिस ने जारी किया बयान

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Farmer Protest Black Day:- पंजाब में किसान अपने घरों की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हें। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को आज 6 महीना पूरा हो गया है लेकिन सरकार की ओर से किसानों की मांग मानी नहीं गई है और इसी वजह से किसान संगठनों ने आज देशभर में ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान किया है। किसानों ने लोगों से समर्थन की अपील करते हुए कहा है कि आज सभी अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाएं। इस बारे में एक दिन पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार हमारी सुन नहीं रही है इसलिए आद हम सभी “ब्लैक डे” मनाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, हमारे पास तिरंगा भी है। 6 महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार हमारी सुन नहीं रही है। इसलिए किसान काले झंडे लगा रहे हैं। यह शांतिपूर्ण किया जाएगा। हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। कोई यहां नहीं आएगा। लोग जहां हैं वहीं काले झंडे लगा रहे हैं। पंजाब में अमृतसर के छाबा गांव में लोगों ने अपने घर की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर काला दिवस मनाया। काला दिवस के चलते सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात हैं। बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें सील कर दिया गया है। पंजाब में किसान अपने घरों की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हें। बीकेयू प्रमुख राकेश टिकैत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगाए कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
हमें संशोधन नहीं चाहिए, हम बस चाहते हैं कि सरकार नए कृषि कानून को खत्म कर दे। सरकार ने बिना सलाह-मशवरा के कानून बनाया है, ये कानून गरीब किसानों के मुंह से निवाला छीन लेगा, सरकार को इसे हर हालत में रद्द करना ही होगा। उधर, किसानों ने भी पुलिस और प्रशासन से जोर आजमाइश करने की पूरी तैयारी कर ली है। किसान नेता दिल्ली के बॉडरों पर काला झंडा फहरा कर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि पुलिस उन्हें कई फुट ऊंचा काला झंडा फहराने की इजाजत देती है कि नहीं।
फिलहाल किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है। इस बारे में दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने भी बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने किसानों से अपील की है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर कहीं भी कार्यक्रम करने या भीड़ जुटने के स्थिति पैदा ना करें। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपना पहरा बढ़ा दिया है। सभी बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर पोस्टर लगाया गया है जिसमें लिखा है. इस स्थल पर धारा 144 लगा दी गई है। किसी भी तरह के आयोजन और भीड़ को यहां आने की अनुमति नहीं है। इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।

12 मुख्य विपक्षी दलों ने 26 मई को किसान संगठन की ओर से बुलाए गए प्रदर्शन को समर्थन दिया। समर्थन देने वालों में सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरेए स्टालिनए अखिलेश यादवए तेजस्वी यादव और एचडी देवेगौड़ा जैसे नेता शामिल हैं। बाद में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया।
12 मुख्य विपक्षी:- सोनिया गांधी (कांग्रेस) एचडी देवेगौड़ा (जद-एस) शरद पवार (एनसीपी) ममता बनर्जी (टीएमसी) उद्धव ठाकरे (शिव सेना) एमके स्टालिन (डीएमके) हेमंत सोरेन (झामुमो) फारूक अब्दुल्ला (JKPA) अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी) तेजस्वी यादव (RJD) डी राजा (सीपीआई) सीताराम येचुरी (CPI-M)

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