देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय कंपनियों की तुलना हनुमान जी से की है। उन्होंने कहा है कि भारतीय कंपनिया मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने से कतरा रही है। निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को हीरो माइंडमाइन समिट में कहा है कि भारतीय कंपनियों को हनुमान जी की तरह अपनी क्षमता और ताकत पर विश्वास नहीं है।
हम अवसर को नहीं खो सकतेः वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा है कि “यह समय भारत का है…हम अवसर को नहीं खो सकते। सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लेकर आई। विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिये कर दरों में कटौती की।” सीतारमण आगे कहा कि “कोई भी नीति अपने आप में अंतिम नहीं हो सकती..जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं यह विकसित होती रहती है। यह उन उद्योगों पर भी लागू होता है जो उभरते क्षेत्र से जुड़े हैं। जिनके लिए हमने प्रोत्साहन के माध्यम से नीतिगत समर्थन दिया है।”
कंपनियों से किया सवाल
माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय कंपनियों से सवाल किया कि “जब अन्य देश भारत में विश्वास दिखा रहे हैं तो फिर उन्हें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इन्वेस्ट करने से क्या रोक रहा है।” उन्होंने कंपनियों को बताया कि “दूसरे देश और विदेशी इंडस्ट्रीज यह सोचती हैं कि भारत उद्योगों के लिए बहुत अच्छी जगह है। यह एफडीआई और एफपीआई प्रवाह और शेयर बाजार में निवेशकों के विश्वास से पता चलता है।”
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा “क्या यह हनुमान की तरह है? आप अपनी क्षमता पर, अपनी ताकत पर विश्वास नहीं करते हैं और आपके बगल में कोई खड़ा होता है और कहता है कि आप हनुमान हैं, इसको कीजिए? वह व्यक्ति कौन है जो हनुमान को बताने वाला है? यह निश्चित रूप से सरकार नहीं हो सकती।”