लम्बें समय से कांग्रेस से नाराज गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नें का इस्तीफा भेजा है। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को लेकर हमला बोला है। इसके आलाव आजाद ने कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
गुलाम नबी आजाद कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ थे। इसके आलाव वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। यह गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले भी आजाद कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। दरअसल, सोनिया गांधी जम्मू व कश्मीर में गुलाम नबी आजाद के नितृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहतीं थी जिसके लिए उन्होंने आजाद को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। अध्यक्ष बनने के कुछ ही घंटों के बाद आजाद ने अपने स्वस्थ्य के काराणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
आजाद ने सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में कहा, बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। भारत जोड़ों यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।
राहुल गांधी पर लगाया आरोप
गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा, जब से राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री हुई और जनवरी- 2013 में उनको पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया तब उन्होंने पहले से स्थापित पुराने सलाहकार तंत्र को नष्ट कर दिया। सारे वरिष्ठ और अनुभवी लोगों को साइडलाइन कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि 2019 के चुनाव के बाद से पार्टी में हालात खराब हुए हैं। विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के लिए जीवन देने वाले सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान करने से पहले राहुल गांधी के हड़बड़ाहट में पद छोड़ने के बाद, आपने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। आजाद ने कहा, राहुल गांधी से अच्छे निर्णय तो उनके सुरक्षा गार्ड और पीए ले रहे थे।