यूपी के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मामले को लेकर आज वाराणसी कोर्ट का अहम फैसला आने वाला है। फैसले से पहले शहर भर में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है। कल से जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। पूरे शहर में वाराणसी पुलिश प्रशासन हाई अलर्ट पर है। पुलिस चप्पे चप्पे में नजर रखे हुए है। वैसे तो ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कई मामले अदालतों में चल रहे हैं। जिसमें से एक देवी श्रृंगार गौरी के पूजन-दर्शन को लेकर है।
कोर्ट का फैसला ज्ञानवापी परिसर में देवी श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति देने को लेकर आने वाला है। दरअसल, कुछ दिन पहले ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराया गया था जिसमें वीडियोग्रापी और फोटोग्राफी के मदद से कई साक्ष्य जुटाए गए थे। सर्वे में दावा किया गया था कि मस्जिद में शिवलिंग स्थित है। कोर्ट कमिश्वर अजय मिश्रा ने 6 और 7 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था। उनके द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर की दीवारों पर देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की कुछ कलाकृतियां और शेषनाग जैसी आकृति मिलने का उसमें जिक्र किया था।
18 अगस्त को श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर मांगी थी अनुमति
18 अगस्त 2021 को लक्ष्मी देवी, राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक पांच महिलाओं ने ज्ञानवासी परिसर में देवी श्रृंगार गौरी, गणेश भगवान, हनुमान सी समेत परिसर में मौजद अन्य देवी-देवताओं की प्रतिदिन पूरा की अनुमति के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पहली बार मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था। लेकिन 1991 केंद्र सरकार ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट बनाया था। इसी कानून का हवाला देते हुए मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय की याचिका को चुनौती दी थी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 1993 में विवादित जगह को लेकर स्टे लगा दिया था।