Monday, July 1, 2024

National Technology Day 2021:- देश को पावरफुल बनाने में बहुत नही बड़ा योगदान है “नेशनल टेक्नोलॉजी डे” का, इस दिन के पीछे छुपा है एक बेहद ही दिलचस्प इतिहास

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National Technology Day 2021 की थीम
11 मई को हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस National Technology Day मनाया जाता है। यह दिन देश की तकनीकी क्रांति और उसको पावरफुल बनाने में बहुत मायने रखता है।
हर साल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड यानी की टीडीबी एक विशिष्ठ (स्पेसिफिक) थीम का चुनाव करती है। इसी थीम को केंद्रित करके मनाते हैं एवं इसी थीम पर आधारित प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते हैं वैज्ञानिकों को उनके अचीवमेंट्स के लिए सम्मानित करते हैं। लेकिन इस साल कोरोना काल होने के चलते कार्यक्रम होने की संभावना नही है। टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड हर साल नेशलन टेक्नोलॉजी डे की थीम की घोषणा करता है। इस बार की थीम (“Science and Technology for a Sustainable Future”) “सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” है।

आज ही के दिन भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था 11 मई 1998 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में भारत ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। पोखरण में पांच परीक्षण किए गए थे, जिसमें से तीन परीक्षण 11 मई को किए गए जबकि दो 13 मई को। 11 मई को किए गए परीक्षण में 5.3 रिक्टर पैमाने पर भूकंपीय कंपन दर्ज करते हुए तीन परमाणु बम विस्फोट किए गए और तब से लेकर आज तक देश में नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया जा रहा है ये दिन हर साल नेशनल टेक्नोलॉजी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा की गई थी।ण् देश के विकास में वैज्ञानिकों का योगदान भुलाया न जाए इसलिए उन्होंने नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाने का ऐलान किया था।

आज ही के दिन यानी 11 मई 1998 को डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, जो कि कम दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है। त्रिशूल मिसाइल तेजी से अपने टार्गेट पर अटैक करती है। त्रिशूल जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल है जो तेज प्रतिक्रिया देती है। यह छोटी दूरी की मिसाइल है। त्रिशूल को भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत तैयार किया गया था। इसी परियोजना के तहत पृथ्वी, आकाश और अग्नि मिसाइलों को बनाया गया। इसके अलावा नेशनल टेक्नोलॉजी डे के दिन ही भारत के पहले एयरक्राफ्ट Hansa-1 ने उड़ान भरी थी। भारत के स्वदेशी विमान हंस ने 1998 में इसी दिन उड़ान भरी थी। हंस-3 को नैशनल एयरोस्पेस लैबरेटरीज द्वारा विकसित किया गया था। वह दो सीटों वाला हल्का सामान्य विमान था। उसका इस्तेमाल पायलटों को प्रशिक्षण देने हवाई फोटोग्राफी ,निगरानी और पर्यावरण से संबंधित परियोजनाओं के लिए होता है। भारत का सबसे ताकतवर एवं सफल परमाणु परीक्षण था और इस पूरे परीक्षण को अंजाम देने के पीछे महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम का हाथ था। अब्दुल कलाम को इस काम को सौंपने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी को जाता है। अब्दुल कलाम जी के शानदार मार्गदर्शन द्वारा ही सभी परमाणु परिक्षणों को सफलता पूर्वक टेस्ट किया गया था। इस परीक्षण के बाद केंद्र सरकार ने इस उपलब्धि को भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दे दिया था बताते चलें कि पोखरण का सफल परिक्षण वैज्ञानिकोंए डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation), Bhabha Atomic Research Centre (BARC) और AMDER (Atomic Minerals Directorate for Exploration and Research) ने मिलकर किया था। यही वो कारण था कि भारत थर्मोन्यूक्लियर हथियार बना पाया था

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