Friday, June 28, 2024

पीएम मोदी : मनुष्य उम्र से नहीं, कर्म से बड़ा होता हैं , लता दीदी के जन्मदिन पर याद करते हुए कहा

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स्वर कोकिला आज भले ही हमारे बीच न हो पर उनकी मधुर आवाज आज भी हमारे कानों में गुंझती है। दिग्गज गायिका लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। वह अपने जन्मदिन पर भले ही हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्हें हर कोई याद करता है। लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 को निधन हो गया था। वह कोरोना से संक्रमित थीं, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में हुआ था। दिग्गज गायिका लता दीदी के पिता दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी गायक थे, वहीं उनकी माता शिवांती मंगेशकर गुजराती परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उन्होंने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘कीर्ती हसाल’ (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था। लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म ‘महल’ से मिला। उनका गाया “आयेगा आने वाला” सुपर डुपर हिट था। लता मंगेशकर ने अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गए थे लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फ़िल्मो में गाना कम कर दिया, और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी थी। लता दीदी ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति थीं। जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं।

आज देश गायिका लता दीदी का 93वां जन्म दिवस मना रहा है। इस विशेष अवसर को चिह्नित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े और नया घाट चौराहा का उद्धाटन किया। बता दें कि अब से यह चौराहा गायिका के नाम से जाना जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी समेत कई हस्तियां मौजूद थीं।

मनुष्य उम्र से नहीं, कर्म से बड़ा होता हैं : पीएम मोदी

कार्यक्रम के दौरान दिवंगत गायिका को याद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “लता जी, मां सरस्वती की एक ऐसी ही साधिका थीं, जिन्होंने पूरे विश्व को अपने दिव्य स्वरों से अभिभूत कर दिया। अयोध्या में लता मंगेशकर चौक पर स्थापित की गई मां सरस्वती की विशाल वीणा संगीत की साधना का प्रतीक बनेगी।

“पीएम मोदी ने आगे कहा, “लता दीदी के साथ जुड़ी मेरी कितनी ही यादें हैं, कितनी ही भावुक और स्नेहिल स्मृतियां हैं। जब भी मेरी उनसे बात होती, उनकी वाणी की युग-परिचित मिठास हर बार मुझे मंत्र-मुग्ध कर देती थी। दीदी अक्सर मुझसे कहती थी। कि मनुष्य उम्र से नहीं, कर्म से बड़ा होता है।

उन्होंने ने कहा “लता दीदी के नाम पर बना ये चौक, हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए भी प्रेरणा स्थली की तरह कार्य करेगा। ये बताएगा कि भारत की जड़ों से जुड़े रहकर, आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए, भारत की कला और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना, ये भी हमारा कर्तव्य है।”

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