Monday, July 1, 2024

Solution for depression:- डिप्रेशन क्या है? डिप्रेशन के लक्षण और उपाय

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डिप्रेशन क्या है? (What is Depression)
डिप्रेशन को दूर हटाना काफी ज्यादा मुश्किल होता है। यदि एक बार यह आपसे जुड़ जाए तो इससे बचना काफी ज्यादा मुश्किल होता है। हालांकि यह एक मानसिक बीमारी है इस कारण इसे हटाने के लिए मानसिक तौर पर इलाज कराने की आवश्यकता होती है।
व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन तक खोने की कगार पर पहुंच जाता है। डिप्रेशन के शुरुआती लक्षणों में बेचैनीए घबराहट और बेवजह डरना शामिल है। डिप्रेशन जैसे जैसे आगे बढ़ता हैए इसके लक्षण भी बढ़ते जाते हैं और इससे होने वाले नुकसान भी। डिप्रेशन पूरी तरह से एक मानसिक बीमारी है जिसका असर शारीरिक तौर पर भी देखा जा सकता है। डिप्रेशन पूरी तरह से एक मानसिक बीमारी होती है। इसी कारण इसका कारण भी मानसिक होता है। डिप्रेशन तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने इच्छित कार्यों को करने मे असफल हो जाए या उसे बहुत बड़ा सदमा लगे। डिप्रेशन थोड़ी मात्रा में हमारे जीवन का एक हिस्सा होता है। यह कभी.कभी फायदेमंद भी होता है जैसेए किसी कार्य को करने के लिए हम स्वयं को हल्के दबाव में महसूस करते हैं जिससे कि हम अपने कार्य को अच्छी तरह से कर पाते हैं और कार्य करते वक्त उत्साह भी बना रहता है। परन्तु जब यह तनाव अधिक और अनियंत्रित हो जाता है तो यह हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और यह कब डिप्रेशन(Depression) में बदल जाता हैए व्यक्ति को पता नहीं चलता है। डिप्रेशन उस व्यक्ति को होता है जो हमेशा तनाव में रहता है। प्राय: व्यक्ति जिस चीज के प्रति डरता है या जिस स्थिति पर उसका नियंत्रण नहीं रहता वह तनाव महसूस करने लगता है, जिस कारण उसके ऊपर एक दबाव बनने लगता है। अगर व्यक्ति लम्बे समय तक इन परिस्थितियों में रहता है तो धीरे-धीरे वह तनावग्रस्त जीवन जीने की पद्धति का आदी हो जाता हो तब यदि उसे तनावग्रस्त स्थिति न मिले तो वह इस बात से भी तनाव महसूस करने लगता है। यह डिप्रेशन होने की प्रारम्भिक स्थिति होती है।

डिप्रेशन के लक्षण?
1. डिप्रेशन के दौरान सर दर्द काफी ज्यादा होता।
2. ऐसे में नींद बिल्कुल नहीं आती।
3. हर वक़्त ख्याल नकारात्मक रहते हैं।
4. एक जगह बैठकरए दुबारा वहां से उठना काफी मुश्किल लगता है।
5. अचानक से रोने लग जाते हैं।
6. बेवजह की उदासी रहती है।
7. खाने का बिल्कुल मन नहीं रहता।
8. हर वक़्त एक मानसिक बोझ रहता है।

डिप्रेशन से बचने के उपाय (Prevention Tips for Depression)

पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए जिसमें शरीर के लिए जरूरी सभी विटामिन्स और खनिज हो।
हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं मौसमी फलों का सेवन अधिक करें।
चुकन्दर (Beetroot) का सेवन जरूर करेंए इसमें उचित मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन्स, फोलेट,यूराडाइन और मैग्निशियम आदि। यह हमारे मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह काम करते हैं जो कि अवसाद के रोगी में मूड को बदलने का कार्य करते हैं।
अपने भोजन में एवं सलाद के रूप में टमाटर का सेवन करें। टमाटर में लाइकोपीन नाम का एंटी-ऑक्सिडेंट पाया जाता है जो डिप्रेशन से लड़ने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार जो लोग सप्ताह में 4-6 बार टमाटर खाते हैं वे सामान्य की तुलना में कम अवसाद ग्रस्त होते हैं।
अधिक चीनी एवं अधिक नमक का सेवन।
व्यक्ति को सुबह उठकर सैर पर जाना चाहिए उसके बाद योगासन और प्राणायाम करना चाहिए।

डिप्रेशन से बचने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Depression)

1. डिप्रेशन के लिए घरेलू उपायए आयुर्वेद दवाइयाँ और मनोविश्लेषण का सहारा लेना चाहिए। आयुर्वेदिक औषधियाँ व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती हैं।
2. 4 से 6 काजू (Cashew Nuts) को पीसकर एक कप दूध में मिलाकर पीने से डिप्रेशन का असर कुछ हद तक कम होता है।
3. 4 से 5 बेर (Berry) के फल लेकर उनमें से बीज निकाल दें और इसको पीस कर इसका रस निकाल लें। अब इस रस में आधा चम्मच जायफल को पीसकर मिला लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें।
4. एक चम्मच ब्राह्मी (Brahmi) और एक चम्मच अश्वगंधा के पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर रोज इसका सेवन करें।
5. एक चम्मच नींबू का रस ;(Lemon Juice) एक चम्मच हल्दी पाउडरए एक चम्मच शहदए दो कप पानी इन सब को एक बर्तन मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें और इसे पी लें। नियमित रूप से इसके सेवन से अवसाद से निकलने में मदद मिलती है।
6. सुबह उठकर खाली पेट सेब (Apple) खाएँ। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को तो बेहतर रखता ही है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
7. दो से तीन इलायची (Cardamom)को पीसकर एक गिलास पानी में उबालकर पी लें या फिर हर्बल चाय में इलायची डाल कर पिएँ।

Consult a Doctor

कई बार व्यक्ति को किसी दुर्घटना या किसी मानसिक आघात के कारण कुछ समय के लिए डिप्रेशन हो सकता है परन्तु अच्छे खान-पान, जीवनशैली और सामाजिक सक्रियता के कारण यह लम्बे समय तक नहीं रहता पर यदि किसी में यह स्थिति दो या तीन महीने से ज्यादा रहे तो वह व्यक्ति धीरे-धीरे और भी गहरे डिप्रेशन में चले जाता है। ऐसा होने पर वह साइको न्यूरोटिस जैसी स्थिति में भी आ सकता है जो कि व्यक्ति को आत्महत्या की ओर ले जाती है। अतर: किसी व्यक्ति में यदि सामान्य से अधिक लम्बे समय तक डिप्रेशन बना रहे, तो उसे तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क कर उचित उपचार और मनोविश्लेषण कराना चाहिए।

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