बालासुब्रमण्यम की 75वीं जयंती:- अपनी मखमली आवाज से लोगों का दिल जीतने के कारण ष्गायकी का चांदष् कहे जाने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम को आज हर कोई याद कर रहा है। मशहूर गायक एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम का जन्म 4 जून वर्ष 1946 को आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के मूलपेट मेंहुआ में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम एसपी साम्बमूर्ति जो हरी कथा में एक आर्टिस्ट के रूप में अभिनय करते थे। वह नाटकों में काम करते थे। एसपी बालासुब्रमण्यम के दो भाई और पांच बहन हैं। इनकी माता का नाम शकुन्तलम्मा था, जिनकी मृत्यु 4 फरवरी 2019 को हुई थी। एस.पी. के 2 भाई और पांच बहनें है। इनकी बहन एस पी शैलजा भी एक गायिका है। एसपी बालसुब्रमण्यम की पत्नी का नाम सावित्री है। एसपी बालसुब्रमण्यम के बेटे का नाम पीबी चरण और बेटी का नाम पल्लवी है। जो साउथ में जाने-माने अभिनेताए फिल्म निर्माता और प्लेबैक सिंगर है। एसपी बालासुब्रमण्यम के देश-दुनिया में लाखों चाहने वाले हैं। एसपी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम श्रीपति पंडितराध्युला बालासुब्रमण्यम है। लोग एसपी बालासुब्रमण्यम को एसपीबी अथवा बालु के नाम से भी जानते एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम एक भारतीय पार्श्वगायक, संगीत निर्देशकए डबिंग आर्टिस्ट, फिल्म निर्माता और अभिनेता है, जिन्होंने मुख्य रूप से तेलुगु, तमिलए कन्नड़ मलयालम और हिंदी सिनेमा में काम किया हुआ है । एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम का नाम भारत के दिग्गज गायकों में से एक है। एस॰ पी॰ बालू को 6 बार राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कारों से भी नवाज़ा जा चुका है। इन्होने अपने जीवन कल मेंए 16 भाषाओँ में चालीस हज़ार से भी ज्यादा गाने गाये है। तेलुगु सिनेमा में इन्होने आंध्र-प्रदेश सरकार द्वारा 25 बार पुरस्कार जीता है। एसपीबी ने अपने 74 साल के सांगीतिक सफर में कई ऊंचाइयों को छुआ। यश और धन अर्जित किया। लेकिन अंतिम समय में कोरोना प्रकोप के कारण उन्हीं फेंफड़ों ने उनका साथ छोड़ दिया 5 अगस्त 2020 को एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, देश भर में फैली महामारी COVID-19 से पीड़ित हो गये थे, जिसके बाद उन्हें एमजीएम हॉस्पिटल चेन्नई में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर ICU में रखा गया जिसके बाद 7 सितम्बर 2020 को इनका टेस्ट नेगेटिव आया लेकिन 24 सितम्बर 2020 को एसपीबी की अचानक से हालत नाजुक हो गयी जिसके बाद 25 सितम्बर 2020 को एसपीबी इस दुनिया को छोड़ कर हमेशा के लिए चले गये।
एसपी बालासुब्रमण्यम करियर (SP Balasubramanian Career)
एसपी बालासुब्रमण्यम बचपन से इंजीनियर बनने बनना चाहते थे। उनका सपना था कि वह इंजीनियरिंग करके अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाए। एसपी बालासुब्रमण्यम की तबियत इतनी ख़राब हो गई कि उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। बालासुब्रमण्यम को बचपन से ही संगीत का शौक था। बड़े होने पर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और पढ़ते हुए ही संगीत की तरफ जुड़ गए थे। वह संगीत की शिक्षा भी ले रहे थे। ‘रेग्यूलर’ पढ़ाई छोड़ने के बाद भी एसपी बालसुब्रमण्यम संगीत की शिक्षा लेते रहे। एसपी बालासुब्रमण्यम को साल 1964 में ‘एम्चयोर’ गायक के तौर पर एक ‘कॉम्पटीशन’ में पहला इनाम मिला। इसके बाद एसपी बालसुब्रमण्यम ने गायकी के क्षेत्र में ही अपना करियर आगे बढ़ाने का फैसला लिया। एसपी बालसुब्रमण्यम ने साल 1966 में मात्र 20 साल की उम्र में अपने गुरु कोडंदापानी द्वारा बनाई गई फिल्म में गाना गाकर अपने करियर की शुरुआत की थी। एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम एक भारतीय पार्श्वगायक, संगीत निर्देशक, डबिंग आर्टिस्ट, फिल्म निर्माता और अभिनेता हैए जिन्होंने मुख्य रूप से तेलुगु, तमिल, कन्नड़ मलयालम और हिंदी सिनेमा में काम किया हुआ है । एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम का नाम भारत के दिग्गज गायकों में से एक है। एस॰ पी॰ बालू को 6 बार राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कारों से भी नवाज़ा जा चुका है। इन्होने अपने जीवन कल मेंए 16 भाषाओँ में चालीस हज़ार से भी ज्यादा गाने गाये है। तेलुगु सिनेमा में इन्होने आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा 25 बार पुरस्कार जीता है। हैं। 1966 की बात है जब बालासुब्रमण्यम फिल्म में गाने के लिए पहला ब्रेक मिला, ये एक तेलुगू फिल्म थी। इस गाने के बाद केवल 8 दिन बाद ही एक और फिल्म के लिए उनको ऑफर मिल गया और फिर उनके पास गानों की लाइन लगने लगी। वर्ष 1969 में एमजीआर अभिनीत ‘अदिमाईपेन’ में उनका गाया ‘अयराम निलावे वा’ बहुत लोकप्रिय रहा और उसके बाद वह बुलंदियों को छूते गए, साल 1980 में निर्देशक बालाचंदर (K. Balachander) फिल्म एक-दूजे के लिए बना रहे थे। एक तरफ ऋषि कपूर थे दूसरी ओर दक्खिन से आए कमल हासन। फिल्म की शूटिंग जारी थी। एक गाना था जिसमें कमल और ऋषि को साथ दिखना था। पर्दे पर तो होंठ हिलते दिख जाते, लेकिन चेहरे के साथ आवाज कैसे मिलतीघ? SP Balasubrahmanyam ने तब तक हिंदी फिल्मों में शुरुआत नहीं की थी। फिल्म के साथ जावेद अख्तर भी जुड़े थे। एक दिन सेट पर वह कमल हासन की ही किसी तेलगु फिल्म का गाना सुन रहे थे। कुछ ध्यान आया तो निर्देशक साहब की ओर दौड़ पड़े। बोले- आप खामखा परेशां हो रहे हैं। अरे एसपी बाला को बुलाइए गाना था ‘तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अंजाना’ गाना फिट रहा और हिंदी सिनेमा को मिली एक मखमलीए शहद घोलती नई आवाज एसपी बालासुब्रहमण्यम (SP Balasubrahmanyam) इस गीत के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला भारत सरकार ने एसपीबी को साल 2001 में पद्म श्री और 2011 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया है। 8 फरवरी 1981 को एसपी बालासुब्रमण्यम ने सुबह 9 बजे से लेकर रात 9 बजे तक 12 घंटे में 21 कन्नड़ गाने रिकॉर्ड किए थे। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। साल 1985 में आई “सागर” फिल्म के “सच मेरे यार” और “सच मेरे यार” गानों ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई। “सागर” के बाद, 1989 में नायक के तौर पर सलमान खान की पहली फिल्म मैंने प्यार किया में बालासुब्रमण्यम ने कई गानों को अपनी आवाज दी। “कबूतर जा जा जा”, “आते जाते हंसते गाते”, “आजा शाम होने आई”, “मेरे रंग में रंगने वाली”, “मैंने प्यार किया”, और “दिल दीवाना” जैसे गाने 1990 के दशक में पले बढ़े बच्चों की बचपन की यादों का अब भी हिस्सा है। बालासुब्रमण्यम एक दिन में 19 तमिल गाने और 16 हिंदी गाने भी रिकॉर्ड कर चुके हैं। बाला सुब्रह्मण्यम ने हिंदी सिनेमा से करीब 2 दशक सिंगिंग से दूर रहने के बाद ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ से वापस आए थे। उन्होंने फिल्म का टाइटल ट्रैक गाया था। ये गाना भी काफी फेमस हुआ था। जब सिंगर ने सलमान के गाने बंद कर दिए थे तो कई सवाल उठे थे तो एक्टर ने कहा था अब उनकी आवाज मुझे सूट नहीं करती है क्योंकि समय के साथ उनकी आवाज बदल गई है और मेरी पर्सनैलिटी भी। फैंस आज भी इस नायाब सिंगर को दिल से उनके गानों के जरिए याद करते रहते हैं। एसपी बाला सुब्रमण्यम को संगीत की विरासत अपने पिता से मिली थी, जो तेलुगू ‘हरिकथा’ गायक थे। यह संगीतमय कीर्तन.प्रवचन की लोक विधा है। भक्ति संगीत के इसी बीज से भावी महान पार्श्वगायक एसपी बाला सुब्रमण्यम का उदय हुआ। दक्षिण के कर्नाटक संगीत में पगी ऐसी पहली आवाज केरल के महान गायक केजे येसुदास की थी। मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश, मन्ना डे जैसे दिग्गज प्ले बैक सिंगरों के उस दौर में किसी नए गायक के लिए अपनी अलग पहचान बनाना अपने आरंभिक मैच में ही सेंचुरी ठोक देने जैसा था। किसी गायक के कंठ को ऊर्जा और ताकत मिलती है। हिंदी में एसपीबी ने यूं तो कम ही गाया, लेकिन उनके दैवी स्वर की वो फाइल मन के कोने में हमेशा सेव रहेगी बाॅलीवुड में एसपीबी की एंट्री इतनी धमाकेदार थी आखिरी बार हिंदी सिनेमा में शाहरुख खान की 2013 में आई “चेन्नई एक्सप्रेस” में एक गाने को अपनी आवाज दी थी।
साल 1989 में बॉलीवुड फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में ‘दिल दीवाना बिन सजना के माने ना’ गाना गाने के लिए एसपी बालासुब्रमण्यम को बेस्ट मेल प्ले बैक सिंगर का अवॉर्ड मिला था। लता मंगेश्कर के साथ ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’ गाना गाने के लिए एसपी बालासुब्रमण्यम को फिल्म फेयर स्पेशल अवॉर्ड का सम्मान मिला था। एसपी बालासुब्रमण्यम को सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 6 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है। एसपी बालासुब्रमण्यम को 25 बार आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा तेलुगू सिनेमा में नन्दी पुरस्कार का इनाम दिया गया है।