बिलकिस बानो केस में आज गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा आरोपियों को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को 3 हफ्तों के लिए टाल दी है। इसके अलावा कोर्ट ने गुजरात सरकार से याचिका पर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
आपको बता दें, आरोपियों को उम्र केद की सजा हुई थी लेकिन उन्हें रिहा कर दिया गया था। जिसके बाद यह याचिका दायर की गई है। घटना 2002 की गुजरात दंगों के समय की है। जब इन आरोपियों ने बिलकिस बानो के साथ कुछ अन्य महिलाओं का बलात्कार किया था। उस वक्त बिलकिस गर्भवती थी और उसकी 3 साल की बेटी के साथ 7 अन्य लोगों की हत्या भी कर दी थी।
2008 में मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने इन 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी थी। जिसे 2017 में बाॅम्बे हाई कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था। जिन्हें 15 अगस्त को छोड़ दिया गया था। यह सभी आरोपी 14 साल से अधिक जेल में बिता चुके थे। 1992 के नियमों में उम्र कैद की सजा पाए कैदियों की 14 साल बाद रिहाई की बात कही गई थी। जब कि साल 2014 में लागू नए नियमों में जघन्य अपराध के दोषियों को इस छूट से वंचित किया जाना था। जिसके आधार पर उन लोगों को रिहा किया था।
आपको बता दें, पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ता रिहा हुए दोषियों को भी मामले में पक्ष बनाएं लेकिन, आज दोषियों के वकील ऋषि मल्होत्रा ने जजों को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने कल उन्हें पक्ष बनाने का आवेदन दाखिल दिया है। अब तक उन्हें याचिकाओं की कॉपी भी नहीं मिली है कि वह जवाब दाखिल कर सकें। इस स्थिति पर विचार करते हुए जस्टिस अजय रस्तोगी और विक्रम नाथ की बेंच ने सुनवाई 3 हफ्ते के लिए टाल दी।