Monday, July 1, 2024

Swami Ramdev News:- योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच विवाद

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बाबा रामदेव की ओर से एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर दिये गए बयान के बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। चंपावत में बाबा रामदेव के बयान से नाराज है। आईएमए के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ जेए जयलाल (Johnrose Austin Jayalal) ने कहा, बाबा रामदेव (Baba Ramdev)में जिस तरह का बयान दिया है वह कोरोना वैक्‍सीन (Corona vaccine) के खिलाफ है। बाबा रामदेव का बयान लोगों को भ्रमित करने वाला है और लोग इससे विचलित हो सकते हैं। स्वामी रामदेव का एलोपैथी और डॉक्टरों पर आपत्तिजनक बयान देते हुए वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इसके बाद से इंडियन मेडिकल असोसिएशन रामदेव पर लगातार हमलावर है और उनपर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रहा है। बाबा के बयान को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डॉक्टरों का मनोबल गिराने वाला बताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तरह कार्रवाई करने की मांग की है। उत्तराखंड के चंपावत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबा रामदेव के खिलाफ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग थी कि रामदेव के बयान को लेकर उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई हो और पतंजलि में बनने वाले उत्पादों की जांच की जाए। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि बाबा रामदेव को सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों से अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

रामदेव ने अपने उस वीडियो बयान को वापस ले लेते हैं जिसकों लेकर यह विवाद शुरू हुआ। उस वीडियो में योग गुरु को एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते देखा गया था। हालांकि बाबा रामदेव ने यह दावा किया गया था कि वह व्हाट्सऐप संदेश पढ़ रहे थे। इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। एक अन्य वीडियो में योग गुरु कह रहे थे कि किसी का बाप भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता उन्होंने आईएमए से 25 सवाल भी पूछे और पूछा कि आधुनिक चिकित्सा ने उच्च रक्तचाप का स्थायी इलाज क्यों नहीं खोजा है। जयलाल ने कहा कि अगर रामदेव अपनी टिप्पणी को पूरी तरह वापस लेने के लिए आगे आते हैं तो आईएमए शिकायत और मानहानि नोटिस वापस लेने पर विचार करेगा।
जयलाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहाए ष् योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ हम नहीं है। उनके बयान कोविड -19 के टीकाकरण के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रमित कर सकते हैं, उन्हें विचलित कर सकते हैं। यह हमारी बड़ी चिंता है क्योंकि उनके कई अनुयायी हैं। और बाबा रामदेव की ओर से दिया गया एक भी बयान उन पर सीधे असर छोड़ता है।

इंडियन मेडिकल असोसिएशन की उत्तराखंड शाखा ने बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजने के बाद अब खुली बहस की चुनौती दी है। IMA ने बाबा रामदेव को कहा है कि वह उन एलोपैथिक अस्पतालों के नाम बताएं, जहां पर कोरोना के इलाज के नाम पर पतंजलि की दवाएं दी गईं। IMA ने इसे चुनौती देते हुए कहा है कि बाबा रामदेव खुले मंच पर इस दावे को साबित करें और आईएमए से पूरे विवाद पर बहस करें। इससे पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि वह IMA से 25 प्रश्नों पर जवाब चाहते हैं। रामदेव ने इसके लिए IMA को खुली चिट्ठी भी लिखी थी। वह भी खुली बहस के लिए एक कॉमन मंच पर उनके सामने आएं। दिल्ली के आईपी स्टेट पुलिस स्टेशन में दी गई शिकायत में आईएमए की तरफ से कहा गया है कि स्वामी रामदेव लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर शंका पैदा कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डाल रहे हैं।
स्वामी रामदेव को नोटिस
नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है। अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है, जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए पर पूरे देश को ईसाई धर्म में बदलने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया। इसका जवाब देते हुए, डॉ जयलाल ने कहा, “धर्म का सवाल यहां तक कैसे आता है? यह विशुद्ध रूप से निहित स्वार्थों की एक भटकाव की रणनीति है और कुछ भी नहीं। मैंने जीवन भर लोगों को किसी भी आधार पर भेदभाव किए बिना उनकी सेवा की है और आगे भी जारी रखूंगा।”

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