Monday, July 1, 2024

World Bicycle Day 2021:- साइकिल परिवहन का एक शून्य प्रदूषण मोड है इसलिये इस बार ‘वर्ल्ड बाइसिकल डे 2021’ की थीम ‘यूनीकनेस, वर्सेटैलिटी, लॉन्गिविटी ऑफ द बाइसिकल एंड सिंपल, सस्टेनेबल, एफोर्डेबल मीन्स ऑफ ट्रांसपोर्टेशन’ रखी गई है

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World Bicycle Day 2021:- पहली बार विश्व साइकिल दिवस 3 जून, 2018 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मनाया गया था। इस उद्घाटन समारोह में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों, राजनयिकों, एथलीटों, साइकिलिंग समुदाय के अधिवक्ताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था। इस अवसर पर साइकिल चलाने वाले लोगों की सेवा करने के कई तरीकों को भी साझा किया गया था। साथ ही साइकिल चलाने के महत्त्व और सेहत के लिए इसके फायदों के बारे में भी बताया गया था। इस वर्ष यानी वर्ष 2021 में चौथा विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। साइकिल को बढ़ावा देने और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर साइकिल सवारी को व्यवस्थित करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। यह दिन बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा को मजबूत करनेए स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखनेए बीमारियों को रोकने, सामाजिक समावेश और सुविधा प्रदान करने के लिए साइकिल के उपयोग को समझने के लिए भी प्रोत्साहित करता है हर साल 3 जून को वर्ल्ड साइकिल डे मनाया जाता है। इन दिनों पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा साइकिल परिवहन का एक बेहतर साधन है। हालांकि आज मोटर-गाड़ियों के आगे साइकिल की गति धीमी है, लेकिन ये भी सच है साइकिल पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं देती। कोरोना महामारी आने के बाद से लोगों के बीच अपने स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी जागरुकता है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल मार्केट (Cycle Market) है। 2019 तक गुजरे 5 वित्त वर्षों में साइकिल की बिक्री (Bicycle sale) ने लगभग 5 फीसदी की हल्की कंपाउंड सालाना ग्रोथ रेट दर्ज की। कोरोनावायरस की दूसरी लहर (2nd Wave of Corona) की महामारी ने साइक्लिंग कल्चर को बढ़ावा देने का काम किया है। सार्वजनिक जगहों, शॉपिंग मॉल, जिम से दूर रहने की जरूरत लोगों को खाली वक्त की और फिटनेस एक्सेसरी के तौर पर साइकिल को अपनाने की ओर ले गई है। जब से महामारी फैली है।
साइकिलिंग कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में योगदान करती है क्योंकि इसमें आंतरिक शून्य-उत्सर्जन मूल्य होता है।
साइकिल चलाने से कार्डियोवस्कुलर फिटनेस, मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन में वृद्धि होती है। यह जोड़ों की गतिशीलता में सुधार करता है और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है।
साइकिल को लेकर सबसे अच्छी बात ये है कि ये न केवल ईको फ्रेंडली है, बल्कि ये चलाने वाले के लिए ‘पॉकेट फ्रेंडली’ भी है। यही नहीं साइकिल नाम की इस ‘सिंपल मशीन’ के इस्तेमाल से इसे चलाने वाले इंसान के शरीर के कलपुर्जे भी एकदम दुरुस्त रहते हैं।
3 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया गया था। साइकिल की विशिष्टता, दीर्घायु और बहुमुखी प्रतिभा को पहचानता है, जो दो सदियों से उपयोग में है। इस दिन का उद्देश्य लोगों का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना है कि साइकिल परिवहन का एक शून्य प्रदूषण मोड है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है विश्व साइकिल दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को बढ़ावा देने के अभियान का नेतृत्व किया गया था प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिब्लिस्क द्वाराए जो संयुक्त राज्य अमेरिका में एक सामाजिक वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे थे।
इस बार ‘वर्ल्ड बाइसिकल डे 2021’ की थीम ‘यूनीकनेस, वर्सेटैलिटी, लॉन्गिविटी ऑफ द बाइसिकल एंड सिंपल, सस्टेनेबल, एफोर्डेबल मीन्स ऑफ ट्रांसपोर्टेशन’ रखी गई है जो कि पूरी तरह से लोगों को साइकिल चलाने के प्रेरित कर रही है। साथ ही यह बता रहा है कि साइकिल चलाना कितना किफायती भी है। साइकिल चलाकर हम ईधन को भी बचा सकते हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल है, साथ ही शरीर को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। इसके अलावा साइकिल की कीमत बजट में भी रहती है और इसे चलाने के लिए फ्यूल पर खर्चा नहीं करना पड़ता है। कोरोना महामारी आने के बाद से लोगों के बीच अपने स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी जागरुकता है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल मार्केट (Cycle Market) है। 2019 तक गुजरे 5 वित्त वर्षों में साइकिल की बिक्री (Bicycle sale) ने लगभग 5 फीसदी की हल्की कंपाउंड सालाना ग्रोथ रेट दर्ज की। साइकिल इंडस्ट्री 4 सेगमेंट में बंटी हुई है। स्टैंडर्ड, प्रीमियम, किड्स और एक्सपोर्ट। महामारी ने फिटनेस(Fitness) और खाली वक्त की एक्सेसरी के रूप में साइकिल की मांग को बढ़ा दिया हैए जिससे साइकिल की बिक्री में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। क्रिसिल के नीतेश जैन का कहना है कि साइकिल की बिक्री में प्रीमियम और किड्स साइकिल की हिस्सेदारी 40 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गई है। वहीं सामान्य साइकिल की हिस्सेदारी घटकर 36 फीसदी रह गई है। कोविड की वजह से बढ़ी फिटनेस और किड्स साइकिल की डिमांड के चलते साइकिल इंडस्ट्री इस साल 1.45 करोड़ साइकिलों की बिक्री के आंकड़े को छूने की ओर अग्रसर है। वित्त वर्ष 2020-21 में 1.2 करोड़ साइकिलों की बिक्री हुई थी।

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