Monday, July 1, 2024

World Blood Donor Day 2021:- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने 2004 में विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत की और इस दिन को मनाये जाने का महत्वपूर्ण मकसद विश्वभर में खून की कमी को पूरा करना है

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World Blood Donor Day 2021:- हर साल 14 जून को ‘वर्ल्ड ब्लड डोनर डे’ मनाया जाता है ब्लड डोनेट करने से न सिर्फ किसी की जान बचाई जा सकती है, बल्कि ये हमारी खुद की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता हैण् इसके बावजूद कई लोग रक्तदान करने से हिचकिचाते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि रक्तदान से दिल की सेहत में सुधार और वजन कंट्रोल समेत हेल्थ को कई बड़े फायदे होते हैं। ये रक्तदाता के शरीर और मन दोनों पर बहुत अच्छा प्रभाव डालता है। इसलिए इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे सेलिब्रेट किया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत साल 2004 में की थी। विश्वभर में खून की कमी को पूरा करने के मकसद से वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में नियमित रूप से रक्तदान करने की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है कई बार जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रक्तदान कर बचाया जा सकता है। लेकिन, रक्तदान सिर्फ किसी को नई जिंदगी देने में मदद नहीं करता है, बल्कि रक्तदान करने वालों को इससे काफी लाभ होते हैं 2021 में तो हालात बदतर हो गए, खासकर भारत में। सोशल मीडिया ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड्स और सबसे महत्वपूर्ण, प्लाज्मा दान के जरूरतों और मांगों से भर गया था। इस दौरान ब्लड की मांग भी बढ़ी है। आज के दिन रक्तदान के सुरक्षित तरीकों और उनके बारे में जागरूकता पैदा की जाती है।

विश्व रक्त डोनर डे का इतिहास (World Blood Donor Day History)

सबसे पहले विश्व रक्त दाता दिवस 14 जून, 2005 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से मनाया गया था। जिसके बाद सभी देश ने इस अभियान को अपनाया 14 जून को नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर (Karl Landsteiner) का जन्म हुआ था। यही वे साइंटिस्ट हैं, जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय मिला है। ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने वाले कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के दिन ही विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टीनर के द्वारा ब्लड ग्रुप्स का पता लगाए जाने से पहले तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप के जानकारी होता था। इस खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्‍टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

आइए जानते हैं रक्तदान करने के फायदे

नियमित रूप से रक्तदान करने से वजम कम होता है और व्यक्ति की सेहत में सुधार होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं के अनुसारए 450 मिली रक्तदान करने से आपके शरीर में लगभग 650 कैलोरी बर्न होती है, रक्तदान करने से आयरन के स्तर को नियंत्रण में रख जा सकता है। इससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। शरीर में बड़ी मात्रा में आयरन के बनने से ऑक्सीडेटिव डैमेज हो सकता है, जो एजिंग, दिल के दौरे, स्ट्रोक आदि के खतरे को बढ़ाता है, रक्तदान करने से शरीर में नई कोशिकाएं बनने में मदद होती हैं। रक्तदान करने के बाद आपके शरीर का सिस्टम बोन मैरो की मदद से डोनेशन के 48 घंटे के अंदर काम करने लगता हैए खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। शरीर में ज़्यादा आयरन की मात्रा लिवर पर दवाब डालती है और रक्तदान से आयरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है।

विश्व रक्त डोनर डे की थीम(World Blood Donor Day Theme)

2021 में “रक्त दान करके दुनिया को हराते रहो”(Give Blood And Keep The World Beating)” थीम के साथ मनाया जा रहा है। जिसका अर्थ है कोरोना जैसी महामारी, जिसने दुनियाभर में तबाही मचायी है उसे हराया तब ही जा सकता है जब लोग बढ़ चढ़कर रक्तदान करें उन्होंने जीवन बचाने के साथ-साथ एक मरीज के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दिन बहुत से लोगों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है।

विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व

अपनी मर्जी से बिना धन लि‍ए स्वैच्छिक रक्तदान यक जीवन बचाने वाले लोगों को धन्यवाद देने और नियमित रक्तदान की जरूरत के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है। सुरक्षित रक्त की जरूरत हर जगह है। इलाज के दौरान अक्सर सुरक्षित रक्त महत्वपूर्ण होता है। यह जीवन को बचाने वाली चिक‍ित्स‍िय जरूरतों में से एक है। सभी प्रकार की आपात स्थितियों (प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, सशस्त्र संघर्ष आदिद्ध के दौरान घायलों के इलाज के लिए रक्त भी अहम है और मातृ और नवजात देखभाल में एक आवश्यकए जीवन रक्षक भूमिका है। इसी रक्त के महत्व और रक्तदान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए और जागरुकता के लिए विश्व रक्त दाता दिवस महत्व रखता है।

रक्तदान से पहले भूलकर भी न करें ये गलतियां

1.रक्तदान करने वाले शख्स को भूखा नहीं रहना चाहिएण् रक्तदान से करीब तीन घंटे पहले कुछ ना कुछ जरूर खाएं। ब्लड डोनेशन से एक रात पहले कम से कम 6-8 घंटे की घंटे की अच्छी नींद लें। इस प्रक्रिया के करीब 2 घंटे से पहले तक धूम्रपान नहीं करना चाहिए और करीब 24 घंटे पहले तक शरीर में एल्कोहल नहीं होना चाहिए। 18 से 65 साल का हर वो व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है जिसका वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा है।
2.अगर आपका वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा है, लेकिन ब्लड प्रेशर असामान्य है तो रक्तदान से पहले कई पैमानों पर इसकी जांच जरूरी है। ऐसी स्थिति में रक्तदान से पहले निसंकोच डॉक्टर से मिलें और अपनी मेडिकल कंडीशन के बारे में स्पष्ट जानकारी दें। ब्लड डोनेशन में सुरक्षा के लिहाज से ये बेहद जरूरी है।
3.रक्तदान के बाद फ्लूड, जूस, बिस्किट या केला जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं। ब्लड डोनेशन सेंटर पर ही इसकी व्यवस्था होती है। आपके दिमाग को बेशक उसकी जरूरत महसूस न हो, लेकिन शरीर को उसकी जरूरत होती है। रक्तदान के बाद कोई भारी काम करने से बचना चाहिए।
4.रक्तदान के समय अपना ख्याल रखना भी जरूरी है। मांसपेशियों को आराम दें और पैरों को बिना क्रॉस किए आराम से लेट जाएं। स्पंज बॉल को धीरे-धीरे दबाते रहें और खून देखकर घबराएं नहीं।
5.रक्तदान से पहले शरीर में हीमोग्लोबिन की जांच के लिए एक ब्लड सैंप लिया जाता है। इसके लिए हर ब्लड बैंक में विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है डॉक्टर्स कहते हैं कि डोनर के रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन काउंट 12.5g/dL या उससे ज्यादा होना चाहिए।

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